Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan Movie 2023

Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan Movie

Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan Movie Review: साहेबान, मेहरबान, कदरदान ईद के मौके पर रिलीज हुई सलमान भाई की पिक्चर किसी का भाई किसी की जान के रोजाना चार शो आपके सिनेमाघरों में हाउसफुल हाउसफुल हाउसफुल।


1. Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan Movie

जी नहीं ये कोई अनाउंसमेंट नहीं बल्कि एक सच्चाई है। अब देखिए ना अपने हिंदुस्तान में तो हमें त्योहारों के बहाने बस सेलिब्रेशन का बहाना चाहिए। अब वो चाहे दीवाली हो या ईद। फिलहाल मौका ईद का है और ईद बिना चांद, सेवईं, लज़ीज़ खाने और सलमान भाई की पिक्चर इन सब के बिना पूरी हो सकती है? जाहिर है जवाब ना में ही आएगा।

तो ईद पर चांद से भी पहले अपनी फिल्म रिलीज करने की रस्म निभाने वाले इंडिया के इकलौते भाई जान, सलमान खान (Salman Khan) इस बार फिर से हाजिर हैं अपनी फिल्म किसी का भाई किसी की जान लेकर। अब इस फिल्म को देखने के बाद आपकी जान सलामत रहेगी या नहीं आइये जानते हैं। कैसी है ये फिल्म इस सवाल से पहले तो हमारा सवाल ये है कि क्यों है ये फिल्म। अरे भाई जान अगर आपने रस्म बना ही ली है तो ऐसी भी क्या मजबूरी है कि उसे निभाना ही है?

मतलब कि इस फिल्म के शुरू होने के 10 मिनट बाद ही आप ये बोल देंगे कि भाई 100-200 ज्यादा ले ले पर मुझे उतार दे मतलब कि थियेटर से निकाल दे। खैर अब हमने फिल्म देख ही ली है तो इसके बारे में दिमाग पर काफी जोर देते हुए थोड़ा बहुत बता ही देते हैं। फिल्म शुरू होती है किसी वीरान से खंडहर से। जहां पर कुछ लैंड माफिया टाइप, या फिर गुंडे टाइप या फिर पता ही नहीं किस टाइप के लोग किसी जमीन पर कब्जा करने का प्लान बना रहे होते हैं।

फिर क्या त्यागी नाम के गुंडे के नेतृत्व में एक इलाके पर कब्जा करने निकल पड़ते हैं। अब इन सब में दिक्कत ये है कि इलाका है भाई जान का। अब आप सोच रहे होंगे कि ये कैसा नाम हुआ। तो आपको बता दें कि भाई को किसी नाम की जरूरत है क्या।

सलमान तो उनको लोग प्यार से ही बुलाते हैं असल नाम तो उनका भाई ही है। यहां तक कि जब वो पैदा हुए होंगे तो शायद नर्स ने भी सलीम खान से वही शोले वाले उनसे भी यही कहा होगा मुबारक हो भाई पैदा हुआ है। कैसी है फिल्म की कहानी ऊपर हमने एक जगह जमीन पर कब्जे की बात की है। तो अगर इस फिल्म की कहानी को लेकर बात करें तो बस ऐसा समझ लीजिए कि किसी सरकारी प्लॉट पर किसी ने अवैध कब्जा करके कुछ निर्माण कर दिया और फिर सरकार ने उस पर चलवा दिया बुलडोजर तो अब वहां बचा क्या।

जाहिर है कि कुछ भी नहीं बस इधर उधर बिखरी कुछ ईंटें, सरिया या फिर इस तरह के और सामान। बस फिल्म की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। मतलब कि कोई कहानी ही नहीं है। बस सब कुछ इधर उधर बिखरा हुआ है।

फिल्म दिल्ली और हैदराबाद के बीच बस घूमती रहती है और बीच-बीच में आते हैं याद न रहने वाले गाने, राइमिंग वाले डायलॉग्स और फिजिक्स को फेल करने वाला एक्शन।

कैसा है भाई का ऐक्शन अब भाई की मूवी है तो फिजिक्स को फेल करने वाला ऐक्शन तो लाजमी ही है। मतलब कि फिल्म का ऐक्शन ऐसा है कि आपको ना चाहते हुए भी वो मीम याद आ जाएगा कि ये सब क्या देखना पड़ रहा है मुझे अच्छा है कि मैं अंधा हूं। फिल्म में ऐक्शन के नाम पर कुछ भी हो रहा है।

अगर हेवन में कहीं पर अद्धा पड़ा होता तो कसम से न्यूटन बाबा उसे वहीं से फेंक कर मार देते। जिन लोगों को नहीं पता उनको बता दें कि यूपी के अवध इलाके में अद्धा ईंट के आधे हिस्से को कहा जाता है। सबसे मजाकिया बात तो ये है कि इंटरवल से ठीक पहले दिल्ली मेट्रो में 50-100 गुंडे भाई की प्रेमिका पर हमला करने आते हैं। उनके हाथ में गड़ासा, सरिया, कुल्हाड़ी और फरसा सब कुछ है।

हद तो ये है कि उसी सीन में एक जगह मेट्रो के अंदर बाइक भी घुस जाती है। मतलब कि अगर मेट्रो की सिक्योरिटी में लगे CISF वालों को ये सीन दिखा दें तो वो भी कहेंगे कि उठा ले रे बाबा उठा ले। फिल्म में भाई और बाकियों की एक्टिंग भाई ने आखिरी बार शायद बजरंगी भाई जान और सुलतान में एक्टिंग की थी। उसके बाद भाई का मन नहीं हो रहा।

भाई सेट पर आते हैं जींस की जेब में हाथ डाले खड़े हो जाते हैं, क्लाइमैक्स में शर्ट उतार देते हैं बस हो गया काम। भाई के अलावा इस फिल्म में साउथ के सुपस्टार वेंकटेश, जगपति बाबू, पूजा हेगड़े भी शामिल हैं। वहीं फिल्म में ओलंपिक मेडलिस्ट विजेंद्र कुमार भी हैं जिन्होंने मेन विलेन का किरदार निभाया है। फिल्म में किरदारों की इतनी भीड़ है कि ये फिल्म कम और सलमान खान रोजगार अभियान ज्यादा लगती है।

सपोर्टिंग रोल में कई सारे डांसिंग शो को होस्ट कर चुके राघव जुयाल, सिद्धार्थ निगम और पंजाबी गायक जस्सी गिल भी हैं। इन तीनों ने ही सलमान खान के गोद लिए भाई लव, इश्क और मोह का किरदार निभाया है। इन तीनों की प्रेमिकाओं के रोल में नजर आती हैं पलक तिवारी, शहनाज गिल और मालविका शर्मा। इन सभी के अलावा फिल्म में हैं लेट सतीश कौशिक और भूमिका चावला।

बाकी फिल्म में भाग्यश्री और राम चरण तेजा का एक कैमियो भी है। लेकिन अगर वो नहीं होता तो भी फिल्म पर कोई खास असर नहीं पड़ता। हालांकि लगभग पूरी फिल्म में कैमरा ज्यादातर वक्त भाई के इर्द गिर्द ही घूमता दिखाई देता है। भाई की फिल्म के गाने, म्यूजिक, सिनेमैटोग्राफी और पिक्चराइजेशन आप अगर चाहें तो इस बात पर शर्त लगा सकते हैं।

शर्त ये है कि आप पूरी फिल्म देखिए और आखिर में अगर फिल्म का कोई भी गाना आपको याद रह जाय, गाना छोड़िये अगर कोई डायलॉग भी आपको याद रह जाए तो सलमान भाई की अगली मूवी का टिकट आप हमसे ले लीजिएगा। फिल्म के गाने या फिर म्यूजिक में कुछ भी खास नहीं है। पूरी फिल्म में एक एक्शन सीन, एक इमोशनल सीन और एक रोमाटिंक सीन के बाद एक गाना। बस इसी क्रम में पूरी फिल्म निकाल दी गई है।

यहां तक कि एक्शन सीन के वक्त भी बैकग्राउंड स्कोर कुछ खास नहीं है। वहीं एगर लोकेशन, पिक्चराइजेशन और सिनेमैटोग्राफी की बात करें तो ये भी कुछ खास नहीं है। हां दक्षिण भारत में फिल्माए गए कुछ सीन लुभावने लगते हैं पर बाकी की लगभग पूरी फिल्म को आर्टीफीशियल सेट पर ही शूट किया गया है। देखें या ना देखें भाई की फिल्म अगर आप भाई जान के इतने बड़े फैन हैं कि आप उन पर अपना दिल, दिमाग, कलेजा, फेफड़ा, किडनी, हड्डी, पसली सब हार चुके हैं तो आप इस फिल्म को देख सकते हैं।

फिल्म में भाई जान बार बार एक डायलॉग मारते रहते हैं ब्रिंग इट ऑन ब्रिंग इट ऑन। हमारी इस ईद के मौके पर भाई जान से बस इतनी रिक्वेस्ट है कि भाई अब तो आप कहानी या अच्छी फिल्मों को भी यही डायलॉग मार दो यार प्लीज। फरहाद सामजी अगर ब्रिटिश काल में पैदा हुए होते तो जरूर ही उनको इस फिल्म को डायरेक्ट करने के लिए काले पानी में थोड़ा सा और काला रंग घोल कर उसकी सजा दे दी जाती। बाकी स्टार का तो पता नहीं हां पर इस फिल्म को 1 छोटा मोटा उपग्रह जरूर देना चाहूंगा।

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